सरकारी नौकरियों के लिए कौन उपयुक्त अभ्यार्थी नहीं हैं ?

भारत में सरकारी नौकरी सबसे अधिक डिमांड वाली नौकरियों में से एक है।  भारत में सरकारी नौकरी अपने साथ सिर्फ नौकरी ही नहीं लाती है बल्कि जीवन में स्थिरता , अनेक लाभ , मान सम्मान और प्रतिष्ठा भी लेकर आती है।

भारत में सरकारी नौकरी के क्षेत्र में सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है की प्रत्येक व्यक्ति यहाँ सरकारी नौकरी नहीं प्राप्त कर सकता है। भारत में अनेक चीज़े है जो की एक अभ्यार्थी को सरकारी नौकरी प्राप्त करने से रोक सकती है।

आयु सीमा की वैधता

भारत सरकार में 25  वर्ष और उससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों के लिए सरकारी नौकरी प्राप्त करने के दरवाजे अभी भी खुले हुए है। भारत सरकार में अनेक संस्थान ऐसे है जो की 25 वर्ष से अधिक आयु के लोगो को भी सरकारी नौकरी पर रखते है जैसे की –

  • यूपीएससी सिविल सेवा, जिसमे अधिकतम आयु  सीमा 32 वर्ष है।
  • SCC की अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष है।
  • बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष से अधिक है।
  • रेलवे में नौकरी श्रेणी के आधार पर अभ्यर्थियों की आयु सीमा तय की जाती है।
  • रक्षा सेवाएँ जैसे कि वायु सेना, नौसेना और सेना में विभिन्न पद ऐसे है जहां आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों की आयु सीमा कम से कम 25  वर्ष होनी चाहिए।
  • राज्य लोक सेवा आयोग की सरकारी नौकरियों में उम्र की सीमा पद की श्रेणी के अनुसार तय की जाती है।

भारत में जैसे जैसे अभ्यर्थियों की उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे उनके पास सरकारी नौकरी करने के अवसर कम होते जाते है।  वर्तमान समय में रक्षा , अनुसंधान , शैक्षणिक और सार्वजानिक क्षेत्र में कई ऐसे पद है जहां 50 वर्ष से अधिक उम्र के अभ्यार्थी भी आवेदन कर सकते है।

भारत में सरकारी नौकरी के लिए प्रत्येक क्षेत्र में आयु सीमा आवश्यकता के आधार पर अलग अलग हो सकती है। यहाँ कुछ ऐसे क्षेत्रों का विवरण है जहां 50  से अधिक आयु वर्ष के अभ्यार्थी भी सफल  हो सकते है :

  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) जैसे नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) आदि जैसी कंपनियों के उच्च पदों पर 50 से अधिक उम्र के अभ्यार्थी भी आवेदन कर सकते है।
  • सार्वजनिक उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रोफेसर या सार्वजनिक कंपनियों के निदेशक के रूप में या  अनुसंधान क्षेत्र में नौकरियों के लिए भी 50 से अधिक उम्र के व्यक्ति आवेदन कर सकते है।

भारत सरकार में सरकारी नौकरियों के क्षेत्र में आरक्षित श्रेणियों जैसे अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) से संबंधित अभ्यार्थियों  के लिए आयु में विशेष छूट है। जिससे कि आरक्षित श्रेणी के अभ्यार्थी भी अन्य अभ्यार्थियों के बराबर सरकारी नौकरियों का लाभ उठा सके। 

आवश्यक शैक्षणिक योग्यता की कमी

भारत सरकार में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है।  जिसमें पद से सम्बंधित डिग्री , डिप्लोमा , सर्टिफिकेट आदि की आवश्यकता होती है।

इसके अतिरिक्त जिस भी सरकारी विभाग में आपकी नियुक्ति होती है वहां शैक्षिक डिग्री की मान्यता की जाँच की जाती है।  जिसमें यह देखा   जाता है कि आपकी डिग्री यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से है या नहीं है। 

जिन भी अभ्यार्थियों कि डिग्री मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से नहीं होती है।  उन्हें सरकारी पद के लिए अनुपयुक्त माना जाता है। इसलिए किसी भी सरकारी नौकरी में आवेदन करने से पहले यह जाँच कर ले कि आपकी डिग्री मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से है या नहीं।

सरकारी नौकरी के क्षेत्र में आपकी डिग्री का अहम् रोल है।  यदि अपने  एक अच्छे विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कि है तो आपको अन्य अभ्यार्थियों की तुलना में पहले प्राथमिकता दी जायेगी , जो कि आज के प्रतिस्पर्धी माहौल के बहुत आवश्यक है।

यदि आपकी डिग्री आपके नौकरी के अनुरूप है तो आपको इसका बहुत लाभ मिलेगा। विशेष रूप से यदि आप किसी तकनीकी पद के लिए आवेदन कर रहे है तो आप के पास इस से सम्बंधित डिग्री अवश्य होनी चाहिए।

विशेष श्रेणी का बहिस्कार

विशेष श्रेणी बहिष्करण विशिष्ट शर्तें या मानदंड हैं जो व्यक्तियों के विशेष समूहों पर लागू होते हैं जो सरकारी नौकरियों के लिए पात्र नहीं हो सकते हैं। बहिष्करण अभ्यार्थी की उस परिस्थिति का विवरण है जिसमें वो किसी विशेष पद के लिए उपयुक्त नहीं होता है।

उदाहरण के लिए, सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों को सरकारी नौकरियों के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा करना होगा। वे कुछ आरक्षित पदों पर आवेदन कर सकते हैं।

यदि अभ्यार्थी पूर्व सैनिक है तो वह सरकारी नौकरी में आयु सीमा में छूट का फायदा उठा सकता है लेकिन इसके कुछ सीमाएं है।

कुछ स्थिति में उम्मीदवार की शारीरिक स्थिति भी उसे कुछ पदों के लिए आवेदन करने से वंचित कर सकती है।

पूर्व सैनिकों को प्रशासन, सार्वजनिक क्षेत्र और बैंकिंग सेवाओं जैसे सरकारी क्षेत्रों में आरक्षण का लाभ मिलता है। जिससे कि उन्हें रोजगार में फिर से शामिल होने कि मदद मिल सकती है ।

भारत सरकार ने सभी व्यक्तियों को सामान अवसर प्रदान करने के लिए वंचित वर्ग को विशेष आरक्षण दिए है।  जिससे कि वंचित वर्ग भी आसानी से सरकारी नौकरी का लाभ उठा सकें। इसमें दिव्यांगों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस), महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भी आरक्षण कि व्यवस्था है।

भारत सरकार में  खिलाड़ियों, कलाकारों और अन्य सांस्कृतिक पेशे से जुड़े हुए व्यक्तियों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था है। सरकारी नौकरी पाने के लिए इन व्यक्तियों को आवेदन के समय अपने उपलब्धियों का प्रमाण पात्र अवश्य दिखाना होगा।

आपराधिक रिकार्ड

भारत सरकार में सरकारी नौकरी के लिए वही अभ्यार्थी योग्य होता है जिसके खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड ना हो। जिन व्यक्तियों को हिंसा, गबन और धोखाधड़ी सहित गंभीर अपराधों के लिए सजा का सामना करना पड़ता है, उन्हें भारत सरकार में सरकारी नौकरी के लिए  अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। जिससे कि केवल ईमानदार लोग ही सरकार में काम करें और उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखने में मदद करें।

यदि किसी व्यक्ति पर कोई आपराधिक मामला चल रहा है और उसका परिणाम अभी तक नहीं आया है तो भी उस व्यक्ति को अयोग्य घोसित कर जाता है।  जिससे की भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।

राष्ट्रीयता और निवास

भारत सरकार में अधिकतर सरकारी नौकरी में सभी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकते है। बस शर्त यह है कि जो भी व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए चुने जाते है उन्हें निस्वार्थ भाव से देश के लिए अपनी सेवा करनी होगी है। भारत सरकार में सरकारी नौकरी के लिए वह अभ्यार्थी उपयुक्त नहीं है जिनके पास दोहरी नागरिकता है।

भारत के प्रवासी नागरिकों (ओसीआई) और भारतीय मूल के व्यक्ति  (पीआईओ) भारत सरकार में  कुछ सरकारी पदों के लिए आवेदन कर सकते है। ऐसे व्यक्तियों को आमतौर पर रक्षा और खुफिया क्षेत्रों से जुडी संवेदनशील नौकरियों में आवेदन करने में लिए अनुपयुक्त माना  जाता है।

भारत सरकार में राज्य व् स्थानीय स्तर की नौकरियों में सबसे अधिक आवश्यक है की चुना हुआ अभ्यार्थी स्थानीय निवासी हो।  जिससे की वह  वहां के लोगो से एक मजबूत सम्बन्ध स्थापित कर सकें और उनकी समस्याओं आसानी से समझ कर उसका निपटारा कर सकें। 

भाषा क्षमता में कुशलता

अभ्यार्थी जिस भी राज्य या प्रदेश के लिए आवेदन कर रहा है वहां की भाषा का ज्ञान उसे अवश्य होना चाहिए। जिससे की चुने गए अभ्यार्थी जब वहां नौकरी करें तो वह प्रभावी ढंग से अपनी सेवा दे सकें।

इसके अतिरिक्त, कुछ राज्य सरकार की नौकरियों में कर्मचारियों को लोकल व्यक्तियों से सीधा संपर्क साधना पड़ता है ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान भी होना चाहिए जिससे की  कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन अच्छे से कर सकें।

लोक सेवा आयोगों द्वारा वर्जित

सार्वजानिक सेवा परीक्षा के दौरान अभ्यार्थियों द्वारा कोई भी गलत व्यवहार किये जाने पर अभ्यार्थियों को अन्य परीक्षाओं में बैठने से रोक दिया जाता है। इसमें अभ्यार्थियों द्वारा परीक्षा में बाधा डालना, अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करना और अन्य किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी शामिल हो सकती है ।

आवेदन प्रक्रिया के दौरान गलत जानकारी देना एक गंभीर अपराध है जिसके कारण आवेदन प्रकिया निषेध हो सकती है। शैक्षिक योग्यता, व्यक्तिगत विवरण और दस्तावेजों में हेराफेरी करने पर सरकारी पदों से स्थायी अयोग्यता घोषित कर दी जाती है और अभ्यार्थी को जेल  की सजा भी  हो सकती है।

पूर्व बर्खास्तगी

भारत सरकार में बर्खास्त किये गए सरकारी अधिकारी अन्य किसी सरकारी पद पर आवेदन करने के लिए अनुपयुक्त हो जाते है। सरकारी अधिकारियों को अनेक कारणों से बर्खास्त किया जा सकता है जैसे कि नियमों का उल्लंघन , पद कि प्रतिष्ठा को धूमिल करना , गैर अनुशासनात्मक कार्यवाही करना आदि।

निष्कर्ष

भारत सरकार में सरकारी नौकरी के पद पर आवेदन करने के लिए अभ्यार्थियों को अनेक कारकों को ध्यान में रखना होगा। भारत सरकार अपने विशेष मापदंडो से यह सुनिश्चित करती है कि वह योग्य व् भरोसेमंद व्यक्तियों का ही चुनाव करें।

इस लेख के माध्यम से आपको साक्षात्कार के लिए तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप सरकारी नौकरी सम्बंधित अनेक खतरों से भी बच सकते है।

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